हे नभ संचर से शक्तिशाली हे हिमनिद्र
तुम्हीं अर्जुन के गांडीव, हे शिव के कोदंड को
तोड़ने वाले राम बस एक कदम और।
चलिए ना मत ठहरिए सच में ठहरना ठीक नहीं
चलते रहो और लिखते रहो और रखो याद इतिहास
हे सम्राट से विजेता और हे अंग्रेजों को
भगाने वाले गांधी बस एक कदम और
चलिए ना मत ठहरिए सच में ठहरना ठीक नहीं
गढ़ते रहो खुद में मोती और तरासो हीरे
हे चाणक्य के चंद्रगुप्त हे भारतवर्ष के
सम्राट बस एक कदम और
चलिए ना मत ठहरिए सच में ठहरना ठीक नहीं
खुद को जानो पहचानो हे हनुमान खुद ही बानो
खुद के जामवंत और कर दो पार
ऐ विशाल समुद्र बस एक कदम और ।
- नीरज
No comments:
Post a Comment