Friday, January 19, 2024

रातें जागी है तो कहानियां तो बनेंगी

ना घबरा ना डर अब चल उठ वीर किस्मत तो चमकेगी
रोशनी अब सूर्य से ही नहीं चंदा से भी निकलेगी 
जिन जड़ों में जकडा है तू वही तेरी जफर की विशात देंगी 
क्या कहते हैं वो ना सुन तूने रातें जागी हैं तो कहानियां तो बनेंगी 

रिश्ते नाते यार व्यवहार सब की हिकमत बदलेगी 
मां वही फिर बचपन की लोरियां गढ़ेगी 
पिताजी की अंधरी दुनिया रोशनी में तब बदलेगी 
क्या कहते हैं वो ना सुन तूने रातें जागी हैं तो कहानियां तो बनेंगी 

जो खड़े हैं बाजार में बताते तेरे किरदार को
दे इन्हें सहलाने की चोट हो जोरदार जो
बदले पछतावे की नहीं ये वो जो जग में झलकेगी 
क्या कहते हैं वो ना सुन तूने रातें जागी हैं तो कहानियां तो बनेंगी ।
-नीरज 

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