हार गई हार अब जीत को पकड़ना होगा
लक्ष्य यूँ ही नहीं मेहनत कर उससे मिलना होगा
अब तक तुम थे मंद बैठे आखिर अब तुम्हें चलना होगा
राह में राहगीर नहीं शूरवीर बनकर डटना होगा
अंधकार धूप खौफ देख ना मचलना होगा
कहीं तेज तो कहीं रुक कर आखिर अब तुम्हें चलना होगा
फूलों को सुघं कर पत्तों के जैसा प्रेम से लिपटना होगा
बंवरो सा बढ़ना होगा कांटो से बच कर चलना होगा
झाड़ियों से खूब सिमटे आखिर अब तुम्हें चलना होगा
बेबुनियादी आसमां पे चढ़ गए थे उससे वापिस तुम्हें उतरना होगा
रास्ते से मंजिल पर पहुंचकर तुम्हें थिरकना होगा
बेवजह जश्न्न की तैयारी खूब हुई आखिर अब तुम्हें चलना होगा
जो लड़ पड़े तुम्हें गिराने को उसे तुम्हें ही पटकना होगा
बिन पथ के जुमले जो जकड़े हैं उन्हें तुम्हें ही छटकना होगा
आराम की तैयारी ना कर आखिर अब तुम्हें चलना होगा !!
लक्ष्य यूँ ही नहीं मेहनत कर उससे मिलना होगा
अब तक तुम थे मंद बैठे आखिर अब तुम्हें चलना होगा
राह में राहगीर नहीं शूरवीर बनकर डटना होगा
अंधकार धूप खौफ देख ना मचलना होगा
कहीं तेज तो कहीं रुक कर आखिर अब तुम्हें चलना होगा
फूलों को सुघं कर पत्तों के जैसा प्रेम से लिपटना होगा
बंवरो सा बढ़ना होगा कांटो से बच कर चलना होगा
झाड़ियों से खूब सिमटे आखिर अब तुम्हें चलना होगा
बेबुनियादी आसमां पे चढ़ गए थे उससे वापिस तुम्हें उतरना होगा
रास्ते से मंजिल पर पहुंचकर तुम्हें थिरकना होगा
बेवजह जश्न्न की तैयारी खूब हुई आखिर अब तुम्हें चलना होगा
जो लड़ पड़े तुम्हें गिराने को उसे तुम्हें ही पटकना होगा
बिन पथ के जुमले जो जकड़े हैं उन्हें तुम्हें ही छटकना होगा
आराम की तैयारी ना कर आखिर अब तुम्हें चलना होगा !!