Saturday, October 26, 2019

आखिर अब तुम्हें चलना होगा

हार गई हार अब जीत को पकड़ना होगा
लक्ष्य यूँ ही नहीं मेहनत कर उससे मिलना होगा 
अब तक तुम थे मंद बैठे आखिर अब तुम्हें चलना होगा 

राह में राहगीर नहीं शूरवीर बनकर डटना होगा 
अंधकार धूप खौफ देख ना मचलना होगा
कहीं तेज तो कहीं रुक कर आखिर अब तुम्हें चलना होगा

फूलों को सुघं कर पत्तों के जैसा प्रेम से लिपटना होगा
बंवरो सा बढ़ना होगा कांटो से बच कर चलना होगा
झाड़ियों से खूब सिमटे आखिर अब तुम्हें चलना होगा

बेबुनियादी आसमां पे चढ़ गए थे उससे वापिस तुम्हें उतरना होगा
रास्ते से मंजिल पर पहुंचकर तुम्हें थिरकना होगा 
बेवजह जश्न्न की तैयारी खूब हुई आखिर अब तुम्हें चलना होगा

जो लड़ पड़े तुम्हें गिराने को उसे तुम्हें ही पटकना होगा 
बिन पथ के जुमले जो जकड़े हैं उन्हें तुम्हें ही छटकना होगा 
आराम की तैयारी ना कर आखिर अब तुम्हें चलना होगा !!

उम्मीद ही तो है

उम्मीद कितनी बेहतर चीज है  मुझे कुछ तुमसे, कुछ तुमको मुझसे जैसे धरती को आसमां से और बच्चे को अपनी माँ से उम्मीद पर ही तो टिका है ये सारा जहा...