Friday, January 19, 2024

क्या-क्या बताऊं

मेरी समता बताऊँ या मेरी विषमता बताऊँ

मेरी सफलता बताऊँ या मेरी विफलता बताऊँ

मेरे टूटे हुए सपने बताऊँ या पूरे हुए ख्वाब बताऊँ

बातों के पिटारों से सोचता हूं तुम्हें क्या-क्या बताऊँ  


मेरी नादानियां बताऊँ या मेरी चालाकियां बताऊँ

मेरी समझदारियां बताऊँ या मेरी बेवकूफियां बताऊँ 

मेरे कुछ दोस्त बताऊँ या मेरे कुछ दुश्मन बताऊँ 

बातों के पिटारों से सोचता हूं तुम्हें क्या-क्या बताऊँ  


मेरे उजले दिन बताऊँ या मेरी काली रातें बताऊँ

मेरा कुछ डर बताऊँ या मेरी कुछ ताकत बताऊँ

मेरा हंसना बताऊँ या मेरा रोना बताऊँ

बातों के पिटारों से सोचता हूं तुम्हें क्या-क्या बताऊँ  


मेरी लिखावट बताऊँ या जो लिख नहीं सका वो बताऊँ

मेरी पढ़ी-लिखी इलम बताऊँ या जो पढूंगा वो बताऊँ

मेरे कुछ अच्छे रंग बताऊँ या मेरे कुछ बुरे ढंग बताऊँ

बातों के पिटारों से सोचता हूं तुम्हें क्या-क्या बताऊँ ।

-नीरज 

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