तनाव हां हां तनाव मन में उपजा इक विकार है
मन की स्थिति व परिस्थिति में जन्मा इक विचार है
तनाव एक द्वन्द है जो मन व भावना में करे दरार है
समझना मुझे कभी जब मैं ना रहूं ये तनाव क्या बुखार है?
मन अशांत भावना स्थिर और शरीर अव्यवस्था की इक मार है
लाख समझने समझाने की कोशिश कर के देखा ये सब बेकार है
मैं जानता हूं तनाव सच में इक बेहद गंदा सा किरदार है
समझना मुझे कभी जब मैं ना रहूं ये तनाव क्या बुखार है?
सब उस तरफ मैं इस तरफ हां ये इसी पछ का हकदार है
कोशिश की थी मैंने कि बचा लो मुझे मेरा सब कुछ लाचार है
जब वजह नहीं कोई मेरे पास बताओ कहाँ मेरी मजार है
समझना मुझे कभी जब मैं ना रहूं ये तनाव क्या बुखार है?
सूर्य नदी पर्वत ये सब आखिर रोक लेते हैं मुझे इसमें ये जो बाजार है
सूर्य कहे मैं लड़ लड़ा कर आता हूं आखिर ये तो अम्बर का सरदार है
ये बेहद मजबूत पर्वत कहे नदी को ये देखो मेरा यही आधार है
समझना मुझे कभी जब मैं ना रहूं ये तनाव क्या बुखार है?
#नीरज