POETRY WITH NEEL NEERAJ
“To be a poet is a condition, not a profession.” @Neerajshukla889
Thursday, December 12, 2024
जब मैं कविता लिखता हूँ
अंतिम कुछ भी नहीं है
अरे जनाब अब चाय पीजिए
खैर मैं कहीं जा भी नहीं सकता
बदनाम सड़क का किस्सा
वो घर याद आता है
गांव
वो बच्चे
बरगद
Friday, February 23, 2024
उम्मीद ही तो है
Friday, February 2, 2024
घड़ी
Wednesday, January 31, 2024
अब वक्त कहां?
कितना अकेला हूँ मैं
इसका हूँ के उसका हूँ
ना जाने मैं किस-किस का हूँ
किसी का प्यारा तो किसी का खास हूँ
कहीं मस्त तो कहीं अलबेला हूँ मैं
दुनिया के इस जंजाल में कितना अकेला हूँ मैं
कहने को कई दोस्तो का दोस्त हूँ
और कुछो का तो अनजाना रिश्तेदार हूँ
किसी की आश तो किसी की उम्मीद हूँ
कहीं खुशी तो कहीं बड़ा झमेला हूँ मैं
दुनिया के इस जंजाल में कितना अकेला हूँ मैं
कहीं तारा तो कहीं सूरज हूँ
किसी की गद्दी तो किसी का सरताज हूँ
इस करोड़ों की आबादी में किसी का पुखराज हूँ
कहीं एकदम आसान तो कहीं बड़ा हठेला हूँ मैं
दुनिया के इस जंजाल में कितना अकेला हूँ मैं
ये जंग अकेले जीतनी है मुझे मैं जानता हूँ
ये सारा सफर अकेले तय करना है मुझे, मैं जानता हूँ
इस भीड़ में पुष्पों सा खिलना है मुझे, मैं जानता हूँ
कहीं बेशर्म तो कहीं बड़ा शर्मीला हूँ मैं
दुनिया के इस जंजाल में कितना अकेला हूँ मैं !
अहम का वहम !
पर्वत और चिड़िया का संवाद
जब मैं कविता लिखता हूँ
एकाग्र मन से अब शब्दों में उलझकर शब्दों से खेलता हूँ शब्दों को पूज्यनीय चिंतनीय मान कर ये चादर बुनता हूँ खुद को लेकर थोड़ा चिंतित के मै क्य...
-
ना घबरा ना डर अब चल उठ वीर किस्मत तो चमकेगी रोशनी अब सूर्य से ही नहीं चंदा से भी निकलेगी जिन जड़ों में जकडा है तू वही तेरी जफर की विशात दें...
-
एकाग्र मन से अब शब्दों में उलझकर शब्दों से खेलता हूँ शब्दों को पूज्यनीय चिंतनीय मान कर ये चादर बुनता हूँ खुद को लेकर थोड़ा चिंतित के मै क्य...
-
हड़बड़ हड़बड उठिए और काम पे भागिये ध्यान को जरा ध्यान से काम पे लगाइए दिमाग, गर्म , टेंशन, तनाव चिंता फिक्र सब छोड़िए मुस्कुराइए खुद से खु...